“OPERATION MAHADEV: जानिए कैसे भारतीय सेना ने जम्मू-कश्मीर में तीन खूंखार आतंकियों को ढेर कर पहलगाम हमले का बदला लिया। पढ़ें पूरा ब्लॉग— तकनीक, बहादुरी और न्याय की कहानी।”
“ये सिर्फ एक ऑपरेशन नहीं था, ये संदेश था— अब भारत चुप नहीं बैठेगा।”
प्रस्तावना: आतंक के खिलाफ राष्ट्र की प्रतिज्ञा
28 जुलाई 2025 को जम्मू-कश्मीर की वादियों में एक गर्जना हुई— यह किसी बम की नहीं, बल्कि भारतीय सेना की न्याय की हुंकार थी। इस दिन चला OPERATION MAHADEV ना सिर्फ तीन खूंखार आतंकवादियों का अंत लेकर आया, बल्कि उन 26 निर्दोष लोगों के लिए न्याय भी लाया जो पहलगाम आतंकी हमले में मारे गए थे।
क्या हुआ था पहलगाम में?
22 अप्रैल 2025 की सुबह पहलगाम, जो अमरनाथ यात्रा का प्रसिद्ध मार्ग है, एक दर्दनाक मंजर का गवाह बना। आतंकवादियों ने एक टूरिस्ट बस को निशाना बनाया जिसमें:
26 लोग मारे गए, जिनमें अधिकतर हिंदू तीर्थयात्री थे।
दर्जनों लोग घायल हुए।
पूरे देश में गम और गुस्से की लहर दौड़ गई।
इस हमले का मास्टरमाइंड था — हाशिम मूसा उर्फ सुलेमान शाह, एक प्रशिक्षित पाकिस्तानी आतंकी।
OPERATION MAHADEV: नाम भी पवित्र, काम भी निर्णायक
मुख्य बातें:
ऑपरेशन की तैयारी 14 दिनों तक की गई।
आतंकियों को ट्रैक करने के लिए T82 UltraSet जैसे आधुनिक संचार उपकरणों को पकड़ा गया।
ड्रोन, सैटेलाइट मैपिंग और मानव खुफिया का इस्तेमाल कर लोकेशन ट्रेस की गई।
अंततः 28 जुलाई को हरवन-डाचिगाम के जंगलों में आतंकियों को घेर लिया गया।
महज कुछ घंटों के भीतर तीनों आतंकी ढेर।
कौन था हाशिम मूसा उर्फ सुलेमान शाह?
पाकिस्तान की स्पेशल सर्विस ग्रुप (SSG) में कमांडो ट्रेनिंग प्राप्त।
बाद में लश्कर-ए-तैयबा से जुड़ा।
आतंकवाद की घातक योजनाओं का मास्टरमाइंड।
भारत सरकार ने उस पर ₹20 लाख का इनाम रखा था।
वही पहलगाम हत्याकांड का मुख्य अपराधी था।
ऑपरेशन के दौरान क्या मिला?
भारतीय सुरक्षाबलों को आतंकियों के पास से मिला
हथियार / उपकरण विवरण
M4 कार्बाइन हाई पावर गन
AK-47 राइफल दो नग
ग्रेनेड 8 नग
सैटेलाइट फोन अंतरराष्ट्रीय संपर्क के लिए
T82 UltraSet एन्क्रिप्टेड संचार यंत्र
शहीदों के परिजनों की प्रतिक्रिया
परिवारों के लिए यह राहत की खबर थी, हालांकि घाव कभी नहीं भर सकते:
ऐशान्या द्विवेदी (शुभम द्विवेदी की पत्नी):
“हमारे दर्द को कोई खत्म नहीं कर सकता, लेकिन ये खबर एक सुकून की तरह है।”
स्वाति सिंह (हमले में घायल यात्री):
“जिन्होंने हमें मारा, अब वो नहीं बचे। ये सेना की सबसे बड़ी विजय है।”
अंतरराष्ट्रीय मीडिया की प्रतिक्रिया
BBC: India’s Rapid Anti-Terror Action sets new standard.
Al Jazeera: Indian intelligence outmaneuvers LeT mastermind.
The Guardian: “India’s forces send a chilling warning to cross-border terror networks.”
क्यों खास है ऑपरेशन महादेव?

- तेज़ और सटीक रणनीति – कुछ ही घंटों में मिशन सफल।
- आधुनिक तकनीक – ड्रोन, ट्रेसिंग, लाइव फीड से ऑपरेशन को दिशा।
- जनता का मनोबल बढ़ा – लोग गर्व से भर गए।
- सेना और इंटेलिजेंस का समन्वय – देश की सुरक्षा प्रणाली का उदाहरण।
सरकार और सेना का बयान
जनरल मनोज पांडे (सेना प्रमुख):
“हम भारत की सीमाओं और नागरिकों की रक्षा के लिए हमेशा तैयार हैं। यह आतंक का अंत नहीं, एक शुरुआत है।”
गृह मंत्री अमित शाह:
“भारत की ज़मीन पर खून बहाने वालों को बख्शा नहीं जाएगा।”
निष्कर्ष: ये भारत है, अब बदल चुका है
ऑपरेशन महादेव केवल एक सैन्य कार्रवाई नहीं थी, यह भारत के बदले हुए तेवर की झलक थी। अब जो भी भारत की ओर आँख उठाएगा, उसे सर्जिकल जवाब मिलेगा।
“जय जवान, जय भारत!”