National Broadband Mission 2.0 सरकारी योजना का लक्ष्य हर गाँव और संस्थान तक तेज़ व सस्ता इंटरनेट पहुँचाना है। जानिए इस योजना के फायदे, लक्ष्य, समयसीमा और आम जनता पर इसका असर।
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National Broadband Mission 2.0 क्या है?
National Broadband Mission 2.0 भारत सरकार की एक प्रमुख डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर योजना है, जिसे Department of Telecommunications (DoT), Ministry of Communications द्वारा लागू किया जा रहा है। इसका उद्देश्य हर गाँव और दूरदराज़ के इलाके तक तेज़ और सस्ता इंटरनेट पहुँचाना है, ताकि Digital India mission को तेज़ी से आगे बढ़ाया जा सके।
यह योजना पहले आए BharatNet प्रोजेक्ट और National Broadband Mission 1.0 की उपलब्धियों पर आधारित है। National Broadband Mission 2.0 का लक्ष्य न सिर्फ़ शहरी बल्कि ग्रामीण ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी को भी मज़बूत बनाना है, ताकि Viksit Bharat 2047 के विज़न के तहत देश के हर नागरिक को डिजिटल सेवाएँ आसानी से मिल सकें।
कब शुरू हुई और क्यों ज़रूरी है यह सरकारी योजना?
National Broadband Mission 2.0 को जनवरी 2025 में लॉन्च किया गया और इसे 2025 से 2030 तक लागू करने का लक्ष्य रखा गया है। यह सरकारी योजना Digital India mission के अगले चरण को मजबूत करने के लिए लाई गई है।
आज भी भारत के कई ग्रामीण इलाकों में तेज़ इंटरनेट की कमी है। शहरी क्षेत्रों में जहाँ हाई-स्पीड ब्रॉडबैंड और 5G उपलब्ध है, वहीं गाँवों में कनेक्टिविटी कमजोर रहती है। इस डिजिटल डिवाइड (Digital Divide) के कारण ग्रामीण भारत शिक्षा, स्वास्थ्य, बैंकिंग और सरकारी सेवाओं से पूरी तरह नहीं जुड़ पाता।
National Broadband Mission 2.0 इस समस्या को दूर करने के लिए तैयार की गई है। यह योजना हर गाँव तक सस्ता और तेज़ इंटरनेट पहुँचाने के साथ-साथ BharatNet प्रोजेक्ट और सरकारी डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर को नई गति देगी। इससे न सिर्फ़ रोज़गार के अवसर बढ़ेंगे, बल्कि Viksit Bharat 2047 के विज़न को भी मजबूती मिलेगी।
पिछली योजना NBM 1.0 की बड़ी उपलब्धियाँ
National Broadband Mission 2.0 से पहले सरकार ने NBM 1.0 (2019–2024) लागू किया था, जिसने भारत के डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने की दिशा में बड़े कदम उठाए।
इंटरनेट स्पीड में बड़ा सुधार: मोबाइल डाउनलोड स्पीड लगभग 10 Mbps से बढ़कर 100 Mbps के आसपास पहुँची, जबकि फिक्स्ड ब्रॉडबैंड स्पीड 29 Mbps से बढ़कर 63 Mbps तक हुई।
सब्सक्राइबर्स की संख्या में उछाल: ब्रॉडबैंड सब्सक्राइबर्स 66 करोड़ से बढ़कर 94 करोड़ तक पहुँच गए।
Optical Fiber Cable (OFC) का विस्तार: OFC की लंबाई 19 लाख किमी से बढ़कर 41 लाख किमी तक पहुँच गई, जिससे नेटवर्क की क्षमता कई गुना बढ़ी।
मोबाइल टावर ग्रोथ: टावरों की संख्या 5.3 लाख से बढ़कर 8.1 लाख तक हुई और 5G बेस स्टेशन (BTS) तेजी से लगाए गए।
GatiShakti Sanchar Portal (2022): टेलीकॉम इंफ्रास्ट्रक्चर बनाने के लिए Right of Way (RoW) की मंजूरी तेज़ और पारदर्शी बनी।
Call Before u Dig App (2023): भूमिगत केबल को नुकसान से बचाने के लिए यह ऐप लॉन्च हुआ, जिससे नेटवर्क फॉल्ट कम हुए।
ये उपलब्धियाँ ही National Broadband Mission 2.0 की नींव बनीं। अब सरकार का लक्ष्य है कि NBM 1.0 से मिली गति को और बढ़ाया जाए ताकि Digital India mission और ग्रामीण ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी का सपना पूरी तरह साकार हो सके।
National Broadband Mission 2.0 के मुख्य लक्ष्य
National Broadband Mission 2.0 का उद्देश्य भारत के डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर को अगले स्तर पर ले जाना है। इस सरकारी योजना के तहत 2025 से 2030 तक कई बड़े और स्पष्ट लक्ष्य तय किए गए हैं:
हर गाँव तक Optical Fiber Cable (OFC) पहुँचाना ताकि ग्रामीण ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी मजबूत हो सके।
90% सरकारी संस्थानों (स्कूल, पंचायत, आंगनवाड़ी, स्वास्थ्य केंद्र) तक हाई-स्पीड ब्रॉडबैंड उपलब्ध कराना।
फिक्स्ड ब्रॉडबैंड स्पीड को 100 Mbps तक बढ़ाना ताकि शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों के बीच की डिजिटल खाई (Digital Divide) कम हो।
30% मोबाइल टावर को ग्रीन एनर्जी पर चलाना ताकि डिजिटल नेटवर्क पर्यावरण-अनुकूल बने।
Right of Way (RoW) मंजूरी का समय घटाकर 30 दिन करना जिससे नेटवर्क विस्तार तेजी से हो सके।
Year-wise Targets (2025–2030)
वर्ष | Optical Fiber कवरेज (%) | सरकारी संस्थानों को ब्रॉडबैंड (%) | औसत फिक्स्ड ब्रॉडबैंड स्पीड (Mbps) | ग्रीन एनर्जी आधारित टावर (%) |
---|---|---|---|---|
2025 | 45% | 50% | 50 mbps | 10% |
2026 | 60% | 65% | 60 mbps | 15% |
2027 | 75% | 75% | 75 mbps | 20% |
2028 | 85% | 85% | 85 mbps | 25% |
2030 | 108% | 90% | 100 mbps | 30% |
(ये आंकड़े मिशन दस्तावेज़ के लक्ष्यों पर आधारित अनुमान हैं और समय-समय पर अपडेट हो सकते हैं।)
National Broadband Mission 2.0 के ये लक्ष्य न केवल Digital India mission को गति देंगे बल्कि Viksit Bharat 2047 के विज़न को भी मजबूत करेंगे।
आम जनता को सीधे क्या फायदे होंगे?
National Broadband Mission 2.0 सिर्फ़ डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर बढ़ाने की योजना नहीं है, बल्कि इसका सीधा असर हर नागरिक के जीवन पर पड़ेगा। जब हर गाँव और कस्बे तक हाई-स्पीड इंटरनेट पहुँचेगा, तो आम लोगों के लिए कई सुविधाएँ आसान और सस्ती हो जाएँगी।
ऑनलाइन शिक्षा: छात्रों को बेहतर ई-लर्निंग प्लेटफॉर्म, लाइव क्लास और डिजिटल कंटेंट तक आसानी से पहुँच मिलेगी। ग्रामीण और शहरी शिक्षा के बीच की खाई (Digital Divide) घटेगी।
टेलीमेडिसिन और ई-हेल्थ: गाँव के लोग डॉक्टर से वीडियो कॉल पर परामर्श ले पाएँगे और दूर-दराज़ के इलाकों में भी प्राथमिक स्वास्थ्य सेवाएँ पहुँच सकेंगी।
डिजिटल बैंकिंग और सरकारी सेवाएँ: बैंक, बीमा, पेंशन और अन्य योजनाओं के भुगतान सीधे लाभार्थियों तक डिजिटल माध्यम से पहुँचेगे।
छोटे व्यवसाय और स्टार्टअप्स: कनेक्टिविटी बेहतर होने से ग्रामीण इलाकों के उद्यमियों को ऑनलाइन मार्केटप्लेस और डिजिटल पेमेंट का लाभ मिलेगा।
सरकारी योजनाओं का सीधा लाभ: विभिन्न सार्वजनिक सेवाएँ (जैसे DBT, सब्सिडी, छात्रवृत्ति) समय पर और बिना बिचौलियों के उपलब्ध होंगी।
इस तरह National Broadband Mission 2.0 भारत को Digital India mission से जोड़ते हुए हर नागरिक को सस्ता और तेज़ इंटरनेट उपलब्ध कराएगा।
ग्रामीण भारत पर क्या असर पड़ेगा?
National Broadband Mission 2.0 का सबसे बड़ा असर ग्रामीण भारत में दिखाई देगा। इस योजना के लागू होने से गाँवों और छोटे कस्बों में डिजिटल सुविधाओं की पहुँच तेज़ और सरल होगी।
पंचायत और आंगनवाड़ी केंद्र: बेहतर इंटरनेट से योजनाओं की मॉनिटरिंग आसान होगी और बच्चों व महिलाओं के लिए सेवाएँ तेज़ी से उपलब्ध होंगी।
ग्रामीण स्कूल और कॉलेज: हाई-स्पीड ब्रॉडबैंड के कारण स्मार्ट क्लासरूम, डिजिटल कंटेंट और वर्चुअल ट्रेनिंग संभव होगी।
स्वास्थ्य केंद्र (PHC): डॉक्टरों और विशेषज्ञों से टेलीमेडिसिन के ज़रिए परामर्श मिलेगा, जिससे गाँव के लोग शहर जाए बिना ही इलाज पा सकेंगे।
रोजगार के अवसर: डिजिटल नेटवर्क से गाँव में ई-कॉमर्स, ऑनलाइन सर्विसेज़ और ग्रामीण BPO जैसे नए रोजगार खुलेंगे।
डिजिटल स्किल डेवलपमेंट: ग्रामीण युवाओं को इंटरनेट आधारित ट्रेनिंग और सरकारी पोर्टल्स तक पहुँच मिलेगी, जिससे वे Viksit Bharat 2047 के विज़न में योगदान कर पाएँगे।
संक्षेप में, National Broadband Mission 2.0 ग्रामीण भारत को डिजिटल सेवाओं से जोड़कर न सिर्फ जीवन स्तर सुधारेगा बल्कि स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी मजबूत बनाएगा।
इस योजना का लाभ कैसे लें? (नया सेक्शन)
National Broadband Mission 2.0 एक बैकबोन इंफ्रास्ट्रक्चर योजना है। सरकार गाँवों और कस्बों तक हाई-स्पीड ब्रॉडबैंड पहुँचाएगी, जबकि रिटेल कनेक्शन इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर (ISP) या कॉमन सर्विस सेंटर (CSC) के माध्यम से उपलब्ध होंगे। आम नागरिक इस योजना का लाभ इस प्रकार ले सकते हैं:
लाभ लेने की प्रक्रिया:
जैसे-जैसे BharatNet प्रोजेक्ट और NBM 2.0 के तहत नेटवर्क का रोलआउट होगा, आपके क्षेत्र में जुड़े ISP कनेक्शन उपलब्ध कराएँगे। आप योजना और क्षेत्रीय उपलब्धता की जानकारी https://www.eservices.dot.gov.in/
(National Broadband Mission की ऑफ़िशियल वेबसाइट) पर जाकर ले सकते हैं।
क्या कोई डॉक्यूमेंट्स चाहिए?
हाँ, जब आप रिटेल ब्रॉडबैंड कनेक्शन लेंगे, तो KYC डॉक्यूमेंट्स (आधार कार्ड, ID Proof, Address Proof) की ज़रूरत होगी।
क्या ऑनलाइन या ऑफ़लाइन आवेदन है?
शहरी और अर्ध-शहरी क्षेत्रों में आवेदन ऑनलाइन ISP पोर्टल से किया जा सकता है। ग्रामीण इलाकों में CSC सेंटर या स्थानीय ISP के माध्यम से ऑफ़लाइन आवेदन भी संभव होगा।
क्या प्राइस प्लान तय हैं?
सरकार केवल नेटवर्क बैकबोन बनाएगी। रिटेल ISP अपने पैकेज तय करेंगे, लेकिन योजना के अंतर्गत सस्ते और सब्सिडी वाले पैकेज आने की उम्मीद है ताकि आम लोग इन्हें आसानी से ले सकें।
कनेक्शन लेने के आसान स्टेप्स (सारांश):
- https://www.eservices.dot.gov.in/ पर जाकर अपने क्षेत्र की उपलब्धता देखें।
- अपने नज़दीकी ISP या CSC सेंटर से संपर्क करें।
- आवश्यक डॉक्यूमेंट्स (आधार, ID Proof) तैयार रखें।
- मनचाहा प्लान चुनें और इंस्टॉलेशन शेड्यूल करें।
संक्षेप में, National Broadband Mission 2.0 के लाभ लेने के लिए किसी जटिल सरकारी प्रक्रिया की ज़रूरत नहीं है। जैसे-जैसे आपके क्षेत्र में ब्रॉडबैंड नेटवर्क आएगा, आप सीधे ऑफ़िशियल वेबसाइट और स्थानीय ISP के जरिए कनेक्शन ले सकेंगे।
सरकार, उद्योग और नागरिकों की भूमिका
National Broadband Mission 2.0 को सफल बनाने के लिए केंद्र सरकार, राज्य सरकार, निजी उद्योग और नागरिकों सभी की सक्रिय भागीदारी ज़रूरी है।
केंद्र और राज्य सरकार:
Right of Way (RoW) नियमों को सरल बनाना ताकि टावर और ऑप्टिकल फाइबर नेटवर्क का विस्तार तेज़ी से हो सके।
इस योजना के लिए नीतिगत समर्थन और वित्तीय निवेश उपलब्ध कराना।
Digital India mission और Viksit Bharat 2047 के लक्ष्यों को ध्यान में रखकर समन्वय करना।
निजी कंपनियाँ (ISP और टेलीकॉम ऑपरेटर):
नेटवर्क का निर्माण और सस्ते ब्रॉडबैंड पैकेज उपलब्ध कराना।
ग्रीन एनर्जी आधारित टावर और हाई-स्पीड ब्रॉडबैंड सेवाएँ शुरू करना।
ग्रामीण और अर्ध-शहरी इलाकों में बेहतर सर्विस क्वालिटी सुनिश्चित करना।
नागरिक:
National Broadband Mission 2.0 से मिलने वाली डिजिटल सेवाओं का अधिक से अधिक उपयोग करना।
Digital Literacy Program में भाग लेकर ऑनलाइन शिक्षा, डिजिटल बैंकिंग, टेलीमेडिसिन और सरकारी पोर्टल का लाभ उठाना।
सेवाओं की गुणवत्ता पर फीडबैक देकर सुधार की प्रक्रिया में योगदान देना।
संक्षेप में, यह योजना तभी सफल होगी जब नीति निर्माण, उद्योग का सहयोग और जनता की भागीदारी तीनों समान रूप से मजबूत रहें।
निगरानी और पारदर्शिता का ढांचा
National Broadband Mission 2.0 को समय पर और सही दिशा में लागू करने के लिए एक मजबूत मॉनिटरिंग और ट्रांसपेरेंसी फ्रेमवर्क बनाया गया है। इसका उद्देश्य है कि योजना के लक्ष्यों पर लगातार नज़र रखी जा सके और ज़रूरी सुधार समय पर किए जा सकें।
ऑनलाइन डैशबोर्ड और KPIs:
सरकार ने Key Performance Indicators (KPIs) तय किए हैं, जिनसे हर राज्य और ज़िले में काम की प्रगति को रियल-टाइम में ट्रैक किया जा सके।
ऑनलाइन डैशबोर्ड पर यह जानकारी सार्वजनिक रूप से उपलब्ध होगी ताकि पारदर्शिता बनी रहे।
Mission Directorate:
National Broadband Mission 2.0 के लिए केंद्रीय स्तर पर मिशन डायरेक्टरेट बनाया गया है, जो योजना के सभी पहलुओं का संचालन और मूल्यांकन करेगा।
Governing Council:
उच्च-स्तरीय गवर्निंग काउंसिल नीति निर्णय लेगी और योजना की प्राथमिकताओं को तय करेगी। इसमें केंद्र और राज्य सरकारों के वरिष्ठ अधिकारी शामिल होंगे।
State Committees:
हर राज्य में स्टेट लेवल कमिटी बनेगी जो स्थानीय स्तर पर काम की निगरानी करेगी और केंद्र सरकार को रिपोर्ट देगी।
इस निगरानी व्यवस्था के कारण National Broadband Mission 2.0 न सिर्फ़ समय पर लागू हो सकेगा, बल्कि पारदर्शी और जवाबदेह भी रहेगा।
निष्कर्ष (Conclusion) – क्यों National Broadband Mission 2.0 है भारत के लिए गेम-चेंजर
National Broadband Mission 2.0 सिर्फ़ एक टेलीकॉम प्रोजेक्ट नहीं है, बल्कि यह भारत के डिजिटल भविष्य की रीढ़ बनने जा रहा है। इसका उद्देश्य है कि हर गाँव तक हाई-स्पीड इंटरनेट पहुँचे और हर नागरिक तक डिजिटल सेवाएँ आसानी से उपलब्ध हों।
इस योजना से —
शिक्षा, स्वास्थ्य और बैंकिंग जैसी मूलभूत सेवाएँ गाँव-गाँव तक डिजिटल रूप में पहुँचेंगी।
ग्रामीण अर्थव्यवस्था को गति मिलेगी और नए रोजगार के अवसर खुलेंगे।
Digital India mission और Viksit Bharat 2047 के लक्ष्य और तेज़ी से पूरे होंगे।
भारत 5G और ब्रॉडबैंड विस्तार में दुनिया के अग्रणी देशों में शामिल होगा।
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संक्षेप में, National Broadband Mission 2.0 भारत को डिजिटल शक्ति संपन्न राष्ट्र बनाने की दिशा में सबसे बड़ा कदम है, जो आने वाले वर्षों में हर नागरिक की ज़िंदगी को सीधे छुएगा।
FAQ – National Broadband Mission 2.0 से जुड़े आम सवाल
National Broadband Mission 2.0 कब शुरू हुआ?
यह योजना जनवरी 2025 में लॉन्च हुई और इसे 2030 तक लागू करने का लक्ष्य है।
क्या इस योजना का लाभ सभी को मिलेगा?
हाँ, यह BharatNet प्रोजेक्ट के ज़रिए हर गाँव और दूरदराज़ के इलाके तक ब्रॉडबैंड पहुँचाने का लक्ष्य रखती है।
रिटेल यूज़र्स के लिए कौन-से डॉक्यूमेंट चाहिए होंगे?
कनेक्शन लेते समय KYC डॉक्यूमेंट जैसे आधार कार्ड, ID Proof और Address Proof की आवश्यकता होगी।
क्या यह कनेक्शन ऑनलाइन भी लिया जा सकता है?
हाँ, शहरी क्षेत्रों में ऑनलाइन और ग्रामीण इलाकों में ISP या CSC सेंटर के माध्यम से ऑफ़लाइन आवेदन संभव है।
क्या इसका कोई न्यूनतम/अधिकतम चार्ज होगा?
सरकार केवल नेटवर्क बैकबोन तैयार करेगी। रिटेल ISP पैकेज तय करेंगे, लेकिन दरें सस्ती और सब्सिडी आधारित रहने की उम्मीद है।
लक्ष्य कब तक पूरे होंगे?
योजना का उद्देश्य है कि 2030 तक हर गाँव और 90% सरकारी संस्थानों तक हाई-स्पीड ब्रॉडबैंड पहुँचे।